Wednesday, 25 January 2023

विश्वं नाम विकल्पना

अष्टावक्र गीता

अध्याय ७

श्लोक ३

मय्यनन्तमहाम्बोधौ विश्वं नाम विकल्पना।।

अति शान्तो निराकार एतदेवाहमास्थितः।।३।।

(मयि अनन्त महा अम्बोधौ विश्वं नाम विकल्पना। अति शान्तः निराकारः एतत् एव अहं आस्थितः।।)

अर्थ : मुझ अनन्त बोधरूपी महासमुद्र में एक विपरीत कल्पना नामरूप मात्र है, जिसका नाम विश्व है । अति शान्त मैं निराकार स्वरूप में निज नित्य आत्मा की तरह अवस्थित हूँ।

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ಅಷ್ಟಾವಕ್ರ ಗೀತಾ

ಅಧ್ಯಾಯ ೭

ಶ್ಲೋಕ ೩

ಮಯ್ಯನನ್ತಮಹಾಮಮ್ಬೋಧೌ ವಿಶ್ವಂ ನಾಮ ವಿಕಲ್ಪನಾ||

ಅತಿ ಶಾನ್ತೋ ನಿರಾಕಾರ ಎತದೇವಾಹಮಾಸ್ಥಿತಃ||೩||

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Ashtavakra Gita

Chapter 7

Stanza 3

In Me, The Consciousness as The Boundless ocean, the universe is the imagination only. While I am highly tranquil and formless. In this Reality I do abide.

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