Friday, 7 April 2023

विज्ञाते साक्षिपुरुषे

अष्टावक्र गीता

अध्याय १४

श्लोक ३

विज्ञाते साक्षिपुरुषे परमात्मनि चेश्वरे।।

नैराश्येबन्धमोक्षे च न चिन्ता मुक्तये मम।।४।।

(विज्ञाते साक्षिपुरुषे परमात्मनि च ईश्वरे। नैराश्ये बन्धमोक्षे च न चिन्ता मुक्तये मम।।)

अर्थ : परमात्मा और ईश्वर, -साक्षिपुरुष को जान लिए जाने पर अब बन्धन और मोक्ष की आशा और निराशा से न तो मेरा कोई प्रयोजन, और न उसकी चिन्ता ही रह गई है।

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ಅಷ್ಟಾವಕ್ರ ಗೀತಾ

ಅಧ್ಯಾಯ ೧೪

ಶ್ಲೋಕ ೩

ವಿಜ್ಞಾತೇ ಸಾಕ್ವಿಪುರುವೇ

ಪರಮಾತ್ಮನಿ ಚೇಶ್ವರೇ ||

ನೈರಾಶ್ಯೇ ಬನ್ದಮೋಕ್ಷೇ ಚ

ನ ಚಿನ್ತಾ ಮುಕ್ತಯೇ ಮಮ||೩||

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Ashtavakra Gita

Chapter 14

Stanza 3

As I have realized the Supreme Self Who is the Witness and the Lord, and have lost all desire for bondage and liberation, I feel no anxiety for emancipation.

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