अष्टावक्र गीता
अध्याय १
श्लोक ८
एको विशुद्ध बोधोहमिति निश्चय वह्निना।।
प्रज्वाल्याज्ञानगहनं वीतशोकः सुखी भव।।८।।
अर्थ :
आत्मा (के अर्थ में) मैं, दृष्टा-दृश्य के द्वैत से रहित विशुद्ध बोध हूँ इस निश्चयरूपी अग्नि से अपने गहन अज्ञान को जलाकर शोक से रहित हो जाओ और सुखी हो रहो।
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ಅಷ್ಟಾವಕ್ರ ಗೀತಾ
ಅಧ್ಯಾಯ ೧
ಶ್ಲೋಕ ೮
ಏಕೋ ವಿಶುದ್ಧ ಬೋಧೋऽಹಮಿತಿನಿಶ್ಚಯವಹ್ನಿನಾ ||
ಪ್ರಜ್ವಾಲ್ಯಾಜ್ನಾನಗಹನಂ ವೀತಶೋಹಃ ಸುಖೀ ಭವ||೮||
Ashtavakra Gita
Chapter 1
Stanza 8
Burn down the wilderness of ignorance with the fire of the knowledge : "I am the One and Pure Intelligence," and be free from grief and be happy!
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