गीत / 25-06-2022
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वो भूली दासताँ,
क्यूँ आती है याद!
वो छूट गए, जो रास्ते,
क्यों आते हैं याद!
जो आते थे कभी,
किन्हीं अनजान राहों से,
ले जाते थे हमें,
किन्हीं अनजान राहों पर,
ले जाते थे हमको,
एक अनजान मंज़िल तक,
वो मंज़िल, रास्ते, राहें,
क्यूँ आते हैं फिर याद,
करें शिकवा भी हम किससे,
हम किससे, करें फ़रियाद!
वो भूली दासताँ,
क्यूँ आती है याद!
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